नई दिल्ली : आज के इस टेक्नोलोजी के दौर में हर व्यक्ति के हाथ में स्मार्टफोन आ गया है , ऐसे में एक तरफ जहां स्मार्टफोन ने लोगों की जिन्दगी को आसान बना दिया है तो वहीँ दूसरी तरफ लोगों के लिए ये मुसीबत भी बन गया है। हर रोज मोबाइल फ़ोन के जरिये सैकड़ों फ्रॉड की खबरें सुनने में आती है। लोग अनजाने नंबरों से आई फेक कॉल्स के शिकार हो रहे है। लोग अपने फ़ोन में अनजान नंबर का पता लागाने के लिए ट्रू कॉलर (TrueCaller) जैसी ऐप का इस्तेमाल करते है और कई बार इन 3rd पार्टी ऐप के जरिये भी यूजर्स का पर्शनल डाटा लिक होने की खबरे सामने आई है।
मोबाइल उपभोक्ताओं की इन्ही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए और यूजर्स को फर्जी कॉल से बचने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) एक ऐसे फीचर पर काम रही है, जिसके जरिए किसी के फोन में आए कॉलर के नाम की जानकारी उसके सिम पर कराए गए KYC वाले नाम से पता चलेगी।
इस दिशा में काम करने के लिए सरकार की तरफ से हरी झंडी मिल चुकी है। सरकार की तरफ से इस व्यवस्था के बाद ट्रूकॉलर जैसी कंपनियों को बड़ा झटका लगेगा, जो कुछ ऐसी ही सुविधा मुहैया कराती हैं।
जल्द शुरू होगा इस नये फीचर पर काम
TRAI के चेयरमैन पी डी वाघेला द्वारा मिडिया को दी जानकारी के मुताबिक़ जल्द ही एक ऐसा सिस्टम बनाए जाने की तैयारी है, जिसमें कॉल करने वालों का kYC बेस्ड नाम मोबाईल की ‘स्क्रीन’ आ जाएगा। ट्राई को इस सिस्टम पर विचार-विमर्श शुरू करने के लिए दूरसंचार विभाग (डॉट) से भी संकेत मिल चुका है। वाघेला के मुताबिक इस सिस्टम को बनाने के लिए अगले 2 महीने में विचार-विमर्श हो सकता है।
क्या है TRAI का ये नया फीचर और मोबाइल उपभोक्ताओं को क्या लाभ होगा
रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम रेगुलेटर अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा इस सुविधा के लागू होने के बाद से कोई भी मोबाइल यूजर अपनी पहचान नहीं छुपा सकेगा। इस फीचर की ख़ास बात ये होगी की कॉलर का मोबाइल की स्क्रीन पर वो नाम दिखाई देगा जिस नाम से उसके मोबाइल नंबर की केवाईसी हो रखी है यानी नाम बिल्कुल सही होगा। जिससे यूजर को फर्जी और स्पैम कॉल फोन की जानकारी मिल जाएगी और वो पहले ही सतर्क हो जाएगा।
लोगों को मिलेगा फेक कॉल्स से छुटकारा
पीडी वाघेला ने बताया कि इस फीचर के आने के बाद मोबाइल यूजर्स फेक कॉल्स से बच सकेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रेमवर्क पूरा होने के बाद इस फीचर को लेकर ज्यादा चीजें क्लियर हो पाएंगी। बता दें कि ट्रू कॉलर जैसे कॉलिंग ऐप्स इस तरह के फीचर्स मुहैया कराते हैं, लेकिन इसमें यूजर्स के KYC पर बेस्ड नाम नजर नहीं आते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो इस फीचर के आने से स्पैम और फ्रॉड कॉल्स के बढ़ते मामलों में कमी आएगी।